Sep 30, 2019

हजरे अस्वद की असल किया है और उसको क्यों चूमा जाता है ?

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हजरे अस्वद वह जन्नत से उतरा है अल्लाह ताला ने उसको जन्नत से जमीन पर उतारा है , यह पत्थर बहुत ज्यादा सफेद था दूध से भी ज्यादा सफेद इंसानों की खाताओं की वजह से यह काला पड़ गया,  जैसा की हदीस में हैं हजरत अब्दुल्लाह 
इब्ने अब्बास से रिवायत किया गया है : 

 (نزل الحجرُ الأسودُ مِن الجنةِ وهو أشدُّ بياضًا مِن اللبنِ، فسوَّدَتْه خطايا بني آدمَ).

 (رواه الترمذي، في سنن الترمذي، عن عبد الله بن عباس، الصفحة أو الرقم: 877 ، حسن صحيح)

तर्जुमा : हजरे अस्वद जन्नत से उतरा और वह दूध से ज्यादा सफेद था इंसानों की  खाताओं और गुनाहों ने उसे काला कर दिया।

(यह हदीस तिर्मीजी शरीफ में है जो हदीस की किताब है)

हजरे अस्वद जमीन से डेढ़ मीटर की ऊंचाई पर है ,हजरे अस्वद की अहमियत और उसकी फजी़लत बहुत ज्यादा है ।
हजरे अस्वद उस शख्स की गवाही देता है जो इसको चूमता है। 
सबसे पहले हज करने वाला और उमरा करने वाला जब तवाफ का इरादा करता है तो वह हजरे अस्वद को चूमता है , और अगर चूम ना सके तो हजरे अस्वद की तरफ इशारा करना काफी होता है। 

जब हज करने वाला और उमरा करने वाला काबे के इर्द-गिर्द तवाफ करता है तो हजरे अस्वद से ही शुरु होता है और वहीं पर खत्म होता है ।

हजरे को क्यों चूमा जाता है?

और हां हजरे अस्वद को जो चूमा जाता है वह मोहब्बत के लिए चूमा जाता है , क्योंकि रसूल अल्लाह सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम ने उसको चूमा था तो मुसलमान उसको चूमते हैं सिर्फ रसूल अल्लाह की इक्तिदा करते हुए ।

इसका सबूत हदीस की सबसे बड़ी किताब में है जिसको अरबी में मैं नीचे बयान कर रहा हूं उसके तर्जुमे के साथ

عن عمر رضي الله :أنه جاء إلى الحجر الأسود فقبله فقال إني أعلم أنك حجر لا تضر ولا تنفع ولولا أني رأيت النبي صلى الله عليه وسلم يقبلك ماقبلت.  (رواه البخاري)

हजरत उमर रदि अल्लाह अनहु से रिवायत है:"  कि वो हजरे अस्वद के पास आए और उसको चूमा और बोले :  बेशक मैं जानता हूं कि तू पत्थर है जो ना नुकसान दे सकता है ना फायदा पहुंचा सकता है , और अगर मैंने नबी सल्लल्लाहू अलेही वसल्लम को तुझे चूमते हुए ना देखा होता तो मैं तुझे ना चूमता।
(अल बुखारी)
धन्यवाद दूसरों तक पहुंचाकर सवाब कमाएं।

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